Description
तारों भरी इक रात में, तेरे ख़त पढ़ेंगे साथ में
कोरा जो पन्ना रह गया, एक कांपते से हाथ में
थोड़ी शिक़ायत करना तू, थोड़ी शिक़ायत मैं करूँ
नाराज़ बस ना होना तू ज़िन्दगी
कुछ तो बता ज़िन्दगी
अपना पता ज़िन्दगी…
~नीलेश मिश्रा
To avoid a bad translation of poetry, I am not even attempting this one…however its the lines above, from a Hindi song that inspired me to create this artwork..
Size: 50 X 60cm approx.
Framed & ready to hang.
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